सभी को “साथ” रखिये . . .
लेकिन -
साथ में कभी “स्वार्थ” मत रखिये.....
गलत सोच और गलत अंदाजा इंसान को हर रिश्ते से गुमराह कर देता है
हवाएं अगर मौसम का रुख बदल सकती हैं
तो दुआएं भी मुसीबत के पल बदल सकती है
उंचाई पर वो ही पहुँचते है
जो "प्रतिशोध" के बजाय "परिवर्तन" की सोच रखते है।
लेकिन -
साथ में कभी “स्वार्थ” मत रखिये.....
गलत सोच और गलत अंदाजा इंसान को हर रिश्ते से गुमराह कर देता है
हवाएं अगर मौसम का रुख बदल सकती हैं
तो दुआएं भी मुसीबत के पल बदल सकती है
उंचाई पर वो ही पहुँचते है
जो "प्रतिशोध" के बजाय "परिवर्तन" की सोच रखते है।
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